मेरी बेगम की मासूमियत तो देख ऐ ग़ालिब,
उसने ख्वाइश की थी एक अदद
प्लाज़ों की (Palazzos).
हमने भी तुरंत पिताजी का पयजामा रंगवा के दे दिया .
वह शुक्रिया कहते कहते नही थक रही,
और पिताजी पयजामा ढूंढते ढूंढते .
😜
हमारा यह प्रयास रहेगा कि हम हिन्दी तथा English पढ़ने वालो के लिए एक अच्छी पत्रिका का काम कर सके! हमारे ब्लॉग के माधयम से हम कोशिस करेगे कि इन्टरनेट काम में लेने वाले हिन्दी भाषी लोगो को हम कुछ सहायता प्रदान कर सके अथवा एक ऐसा मंच प्रदान कर सके जहाँ सब क्षेत्र की जानकारी हिन्दी भाषा तथा English में उपलब्ध हो।
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